जो सवाल मैंने कभी पूछे थे खुद से, उन सवालों के जवाब ढूंढने निकला हूं । चुभते थे जो का जो सवाल मैंने कभी पूछे थे खुद से, उन सवालों के जवाब ढूंढने निकला हूं । चुभ...
अब मैं प्रश्न करू या जवाब दूँ यूँ हर बात पर मैं परेशान हूं। अब मैं प्रश्न करू या जवाब दूँ यूँ हर बात पर मैं परेशान हूं।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
दुनिया चाहे पत्थर हो जाये कभी खुद को पत्थर बनाना नहीं। दुनिया चाहे पत्थर हो जाये कभी खुद को पत्थर बनाना नहीं।
दिन भर चलाएँ शब्दों के बाण, करे ना किसी का लिहाज दिन भर चलाएँ शब्दों के बाण, करे ना किसी का लिहाज
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।